पायेगा उनमें गलतियों की कमीं नहीं !गलतियाँ कभी-कभी आपके इर्द-
गिर्द की परेशानियों से भी निकल आतीं हैं, लेकिन हम देखनेवालें बस
उनपे तन्कीद करतें हैं, कभी ये नहीं सोचते गलती करनेवाले के साथ
हालात क्या थे? ख़ुद को ग़ैर की जगह रखो पाओगे तुम वही करते जो उस
ग़ैर ने किया! पहले ख़ुद को संवारों फिर ग़ैरों पे तन्कीद करना !
"इक बार ग़ैर बन ख़ुद से तो रु-ब-रु हो
दावा है लग्जिशों की कतारें खड़ीं हो जायेंगीं !"

