Tuesday, 11 May 2010

सच्ची मोहब्बत का एहसास हर पल है पास-पास........


             

"बादेसबा चली , तेरा ख्याल आया
तन्हा नज़र हुई , तेरा ख्याल आया "



खुलती हुई जुल्फों ने, कुछ भी नहीं कहा 
उलझी लटें सुलझाई , तेरा ख्याल आया


कलियों से गुफ़्तगू , हर रोज़ होती थी
भौरों को पास देखा, तेरा ख्याल आया



दूर भी मौजों से, आँखों को सुकून था 
साहिल से टकराया तो, तेरा ख्याल आया



"बादेसबा चली , तेरा ख्याल आया
तन्हा नज़र हुई , तेरा ख्याल आया !"