Wednesday, 23 September 2009

"मेरे प्यारे पापा" -आप हमेशा हमारी हिम्मत रहें हैं और रहेंगे !........(९ जुलाई, १९९९)



"न जलती चिता देखी, न चिर निद्रा में है देखा


मैनें तो आपको, हिम्मत का मसीहा बने देखा


चलूंगी आपने हर हाल में, चलना सिखाया है


कोई रोके नहीं रुकना मुझे, जो आपका साया है !"

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