Wednesday, 23 September 2009

"मेरे प्यारे पापा" -आज हीं ईश्वर ने आपको हमसे छीना था और वादा है आज से आपको आंसुओं नहीं बस खुशिओं में समेटूंगी !.........(१४ अप्रैल, २००७)



"आंखों में पानी अब, कम हीं आयेगा


 तुझे खोने का गम अब कम हीं , आंसू बहायेगा


 तेरे एहसास को अबसे , खुशियों में समेटूंगी


 तू तबस्सुम बना खुशियों को फिर , महकम बनायेगा!"











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